अर्क/कुम्भ विवाह पूजा उज्जैन
जब किसी पुरुष के विवाह मे किसी दोष के कारण विलम्ब आता है तो उसका विवाह सीधे किसी कन्या से न करा कर पहले सूर्य पुत्री जिन्हे अर्क व्रक्ष के रूप मे माना जाता है उनके साथ किया जाता है। जिससे विवाह मे आ रही सारी वाधाए दूर हो जाती है। इस विवाह पद्धति को अर्क विवाह कहा जाता है।
जब किसी कन्या की जन्म कुंडली मे ग्राहम के अनुसार यदि विधवा योग बन रहा है तो उस कन्या का विवाह पहले एक घड़े के साथ किया जात है यह विवाह वैदिक रीति रिवाज के साथ सम्पन्न किया जाता है और उस घड़े को पति का दर्जा दिया जाता है। इस विवाह के बाद जिस घड़े से कन्या का विवाह होता है उसे तोड़ दिया जाता है इस तरह मांगलिक दोष को दूर करने हेतु घड़े से किए गए विवाह को कुम्भ विवाह कहा जाता है।
अगर आपकी कुंडली मांगलिक है या फिर आपके विवाह मे भी कोई वाधा आ रही है और आप भी अर्क/कुम्भ विवाह पूजा उज्जैन मे सम्पन्न कराना चाहते है, तो अभी पंडित जी को काल करके उन्हे अपनी परेशानी बताए और उनसे कुंडली चेक करा कर कुंडली मे स्थित दोष के निवारण हेतु मुफ्त परामर्श पाये।
कॉल पंडित जी
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