जब किसी कन्या की जन्म कुंडली मे ग्राहम के अनुसार यदि विधवा योग बन रहा है तो उस कन्या का विवाह पहले एक घड़े के साथ किया जात है यह विवाह वैदिक रीति रिवाज के साथ सम्पन्न किया जाता है और उस घड़े को पति का दर्जा दिया जाता है। इस विवाह के बाद जिस घड़े से कन्या का विवाह होता है उसे तोड़ दिया जाता है इस तरह मांगलिक दोष को दूर करने हेतु घड़े से किए गए विवाह को कुम्भ विवाह कहा जाता है।